रस किसे कहते है

परिभाषा – काव्य को पढने, सुनने या नाटक को देखने में जो आनन्द आता है. उसे ‘रस’ कहते है | आनद अलौकिक तथा अवर्णनीय होता है | रस – निष्पत्ति – रस की अनुभूति कैसी होती है | इस सम्बन्ध में भरत मुनि ने नाट्यशास्त्र में लिखा है- विभावानुभावव्यभिचारिसंयोगाद्रसनिष्पत्तिः ।’ है। विभाव, अनुभाव और व्यभिचारियों … Read more