आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी

जन्म- सन् 1907 ई० ] मृत्यु- सन् 1979 ई० पिता- अनमोल द्विवेदी, ज्योतिषी। जन्म-स्थान- दूबे छपरा (बलिया)। शिक्षा- बसरिका से मिडिल, हिन्दू विश्वविद्यालय से ज्योतिष तथा साहित्य में आचार्य। भाषा- व्यावहारिक तथा संस्कृत गर्भित, दो प्रकार की भाषा। शैली- गवेषणात्मक, आलोचनात्मक, आत्मव्यंजक, व्याख्यात्मक तथा आलंकारिक। रचनाएँ- बाणभट्ट की आत्मकथा, पुनर्नवा, अशोक के फूल आदि। जीवन-परिचय … Read more

वासुदेवशरण अग्रवाल

जीवन-परिचय- डॉ० अग्रवाल का जन्म सन् 1904 ई० में मेरठ जनपद के खेड़ा ग्राम में हुआ था। इनके माता-पिता लखनऊ में रहते थे; अतः इनका बचपन लखनऊ में व्यतीत हुआ और यहीं इनकी प्रारम्भिक शिक्षा भी हुई। इन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एम०ए० तथा लखनऊ विश्वविद्यालय से ‘पाणिनिकालीन भारत’ नामक शोध-प्रबन्ध पर डी०लिट्० की उपाधि … Read more

समास का अर्थ एवं परिभाषा

समास का शाब्दिक अर्थ है- संक्षेप, संग्रह, सम्मिलन, मिश्रण आदि। समास दो शब्दों के योग से बना है- सम् + आस। यहाँ ‘सम्’ का अर्थ ‘पास’ तथा ‘आस’ का अर्थ ‘रखना’ है। इस प्रकार परस्पर सम्बन्ध रखने वाले दो-या-दो से अधिक शब्दों से मिलकर बनने वाले एक स्वतन्त्र शब्द को समास कहते हैं। समास को … Read more

रस किसे कहते है

परिभाषा – काव्य को पढने, सुनने या नाटक को देखने में जो आनन्द आता है. उसे ‘रस’ कहते है | आनद अलौकिक तथा अवर्णनीय होता है | रस – निष्पत्ति – रस की अनुभूति कैसी होती है | इस सम्बन्ध में भरत मुनि ने नाट्यशास्त्र में लिखा है- विभावानुभावव्यभिचारिसंयोगाद्रसनिष्पत्तिः ।’ है। विभाव, अनुभाव और व्यभिचारियों … Read more

अलंकार का परिभाषा

‘काव्यशोभीकरीन् धर्मानलंकारान् प्रचक्षते – काव्य की शोभा को बढ़ाने वाले धर्मों को ‘अलंकार’ कहते हैं। अलंकार किसे कहते है – किसी बात को ऐसे ढंग से प्रस्तुत करना कि जिससे शब्द या अर्थ अथवा दोनों से चमत्कार उत्पन्न हो जाये तथा काव्य का सौन्दर्य बढ़ जाये, इन काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्मों को ही … Read more

भारतेन्दु हरीशचन्द्र

जीवन परिचय – युग प्रवर्तक साहित्यकार एवं असाधारण प्रतिभासम्मान भारतेंदु हरिश्चंद्र का जन्म सन् 1850 ई० के सितंबर माह मे , काशी में हुआ था | इनके पिता गोपालचंद्र ‘गिरधरदास’ ब्रजभाषा के एक प्रसिद्ध कवि थे | बाल्यकाल में मात्र 10 वर्ष की अवस्था में ही यह माता-पिता के सुख से वंचित हो गए थे … Read more